में न जाता, पर मै (शराब) ले गई
थोड़ी पेहले से पि थी, और थोड़ी वो दे गई
शराबी नहीं हु में, पर आज पि ली
दो घुट क्या गये और बदनामी हो गई
आदत ये बुरी है, पर हम न माने
पहले एक जाम था, अब पूरी सुराही हो गई
गमो से दिल भर गया , और आखो में समंदर
मन था रोने का और बरसात हो गई
शेहराओ में भटकता रहा 'दीप', गुलिस्तान न मिला
तमन्ना थी उसके साथ जीने की, और मौत ले गई
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हरदीप
थोड़ी पेहले से पि थी, और थोड़ी वो दे गई
शराबी नहीं हु में, पर आज पि ली
दो घुट क्या गये और बदनामी हो गई
आदत ये बुरी है, पर हम न माने
पहले एक जाम था, अब पूरी सुराही हो गई
गमो से दिल भर गया , और आखो में समंदर
मन था रोने का और बरसात हो गई
शेहराओ में भटकता रहा 'दीप', गुलिस्तान न मिला
तमन्ना थी उसके साथ जीने की, और मौत ले गई
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हरदीप
आदत ये बुरी है, पर हम न माने
ReplyDeleteपहले एक जाम था, अब पूरी सुराही हो गई
Sahi hai :)