Sunday, May 26, 2013

कुछ पुरानी यादें .....

बच्चपन से फिर मिलना चाहता हूँ
पुरानी यादों को नया करना चाहता हूँ

गुनाह कभी कोई किया नहीं मेंने
बस समय से दो पल चुराना चाहता हूँ

कब दामन छुंट गया पता नहीं
में फिर ऊँगली पकड़ चलना चाहता हूँ
   
ज़माना हो गया भिग्गे हुए
अब की बरसात में भीगना चाहता हूँ

तेज रफ़्तार है ज़िन्दगी
में कुछ देर बैठ कर जीना चाहता हूँ

-------to be continued 






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हरदीप