जिसे ऊँगली पकड़ कर चलना सिखाया
वो मुझे मंजिल तक पहोचायेगा
कोई और नहीं, मेरा खून मुझे आग लगाएगा
क्या गुमान तुझे दौलत का
सब यहीं रह जाएगा
मिट्टी से बना तू, मिट्टी में मिल जाएगा
होश में तो भावनाओं पर काबू कर लिया तुने
क्या करेगा, जब कोई सपनों में रुलाएगा
बेवजह लोग चिंता करते है कल की
कल न आया है और न आएगा
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हरदीप
वो मुझे मंजिल तक पहोचायेगा
कोई और नहीं, मेरा खून मुझे आग लगाएगा
क्या गुमान तुझे दौलत का
सब यहीं रह जाएगा
मिट्टी से बना तू, मिट्टी में मिल जाएगा
होश में तो भावनाओं पर काबू कर लिया तुने
क्या करेगा, जब कोई सपनों में रुलाएगा
बेवजह लोग चिंता करते है कल की
कल न आया है और न आएगा
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हरदीप