Friday, September 6, 2013

चोट

क्या मिला किसी से दिल लगा के
हम ने दिल पर चोट खाई दिल लगा के

............ये अँधेरे हमें गवारा है 
रौशनी चली गई दामन छुड़ा के
क्या मिला किसी से दिल लगा के

किसी ने गम मिलाया, किसी ने पानी
मैं पि गया शराब जवानी मिला के
क्या मिला किसी से दिल लगा के

लोगों ने 'दीप' जलाये रौशनी के लिए
हमने रौशनी की घर जला के
क्या मिला किसी से दिल लगा के

अब और नहीं जीना ऐ दोस्त
देखली दुनिया, दुनिया में आ के 
क्या मिला किसी से दिल लगा के
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 हर'दीप'

Sunday, September 1, 2013

बेचैन

सदियों मुस्कुरा के बेचैन रहा मैं
आज पल भर रो के आराम आया

 बड़ी उम्मीद से घर में चिराग लाया
पर जल गई उंगलियाँ, जब चिराग जलाया

सहसा ऐहसास कुछ केह गया मुझे
अरसा हुआ कोई मिलने नहीं आया

महज़ बात इतनी, और दुनियां खफ़ा हो गई
के जबां पे,  तेरे बाद खुदा का नाम आया

फिर मिलेंगे वो केह के गया था
मैं उम्मीद में दरवाजा खुला छोड़ आया

 ( My Favorite lines)
दुनियां को कभी पता न चले ऐ दोस्त
तू मुझे छोड़ गया, या में तुझे छोड़ आया 
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हरदीप