बदलते ज़माने में दर्द फिर आज़माने निकले
वक़्त बदल गया लोग वहीं पुराने निकले
बड़ा गेहरा रिश्ता है दोनों का...
पुराने दर्द के साथ, अश्क़ भी पुराने निकले....
बात कुछ लम्हों की, हमनें गुज़ारिश की मिलने की
उनके होठों से कई हज़ार बहाने निकले
आज़माइश उसकी फितरत और मेरे इरादों की है
रेत में घर बनाकर, लहरों से टकराने निकले
तजुर्बा ज़िन्दगी का कुछ कम था....
ज़रुरत पर कई लोग बेगाने निकले ..........
काफ़िर है सारा ज़माना .... (काफ़िर real meaning = नास्तिक)
वाइज़ फिर भी आयात पढ़ाने निकले.....
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हरदीप
वक़्त बदल गया लोग वहीं पुराने निकले
बड़ा गेहरा रिश्ता है दोनों का...
पुराने दर्द के साथ, अश्क़ भी पुराने निकले....
बात कुछ लम्हों की, हमनें गुज़ारिश की मिलने की
उनके होठों से कई हज़ार बहाने निकले
आज़माइश उसकी फितरत और मेरे इरादों की है
रेत में घर बनाकर, लहरों से टकराने निकले
तजुर्बा ज़िन्दगी का कुछ कम था....
ज़रुरत पर कई लोग बेगाने निकले ..........
काफ़िर है सारा ज़माना .... (काफ़िर real meaning = नास्तिक)
वाइज़ फिर भी आयात पढ़ाने निकले.....
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हरदीप
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